भारत-पाक सीजफायर पर अमेरिकी समर्थन, ट्रंप को बताया निर्णायक नेता
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर विवाद में मध्यस्थता की पेशकश के बाद, अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता टॉमी पिगॉट ने क्षेत्र में शांति बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया. पिगॉट ने दोनों देशों के बीच चल रहे सीजफायर पर अमेरिका की संतुष्टि व्यक्त की. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इसका प्राइमरी टारगेट भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत को प्रोत्साहित करना है.
हम युद्ध विराम देखकर खुश: पिगॉट
एक प्रेस ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए पिगॉट ने कहा, हम युद्ध विराम देखकर खुश हैं. हम दोनों पक्षों के बीच सीधी बातचीत को प्रोत्साहित करना और देखना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति एक शांति निर्माता हैं, और हम शांति का जश्न मनाते हैं. हमें उम्मीद है कि सीजफायर बरकरार रहेगा. इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को अपने इस दावे को दोहराया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने में मदद की है. इसके बाद उन्होंने दोनों परमाणु संपन्न पड़ोसियों से युद्ध के बजाय व्यापार पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की.
समस्या को सुलझाने में की मदद
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि मैं यह नहीं कहना चाहता कि मैंने मध्यस्थता की, लेकिन मैंने पिछले हफ्ते भारत और पाकिस्तान के बीच समस्या को सुलझाने में निश्चित रूप से मदद की, जो बढ़ती ही जा रही थी. ट्रंप ने अपने खाड़ी दौरे के दौरान कतर में एक बेस पर अमेरिकी सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे उम्मीद है कि जब मैं दो दिन बाद यहां से बाहर निकलूंगा, तो मुझे यह नहीं पता चलेगा कि विवाद अभी सुलझा नहीं है.
हमने भारत-पाकिस्तान से व्यापार के बारे में बात की. मैंने कहा कि चलो युद्ध के बजाय व्यापार करते हैं. भारत और पाकिस्तान दोनों इससे बहुत खुश थे. वे लगभग एक हजार सालों से लड़ रहे हैं. मैंने कहा कि मैं इसे सुलझा सकता हूं.
ट्रंप के दावे को किया खारिज
वहीं भारत सरकार ने मंगलवार को ट्रंप के इस दावे को खारिज कर दिया कि उन्होंने व्यापार रियायतों के बदले भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम कराने में मदद की. सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा कि हाल ही में सैन्य तनाव के दौरान दोनों देशों के बीच किसी भी चर्चा में व्यापार का मुद्दा नहीं उठा. ट्रंप की टिप्पणियों के बारे में मीडिया के सवालों के जवाब में विदेश मंत्रालय (एमईए) ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के साथ तनावपूर्ण गतिरोध के दौरान भारतीय और अमेरिकी नेतृत्व संपर्क में थे, लेकिन व्यापार पर कोई बातचीत नहीं हुई.
नौ आतंकी ठिकानों को बनाया निशाना
भारत ने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को खारिज कर दिया है और कहा है कि यह क्षेत्र भारत का अभिन्न अंग है. पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारत द्वारा पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू करने के बाद नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच तनाव बढ़ गया है. पहलगाम हमले में 26 लोग मारे गए थे.