मजहब नहीं सिखाता बैर रखना: मुस्लिम निकाह में हिंदू परिवार ने निभाई भात की रस्म

10 अप्रैल का दिन था. उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक पेशे से डॉक्टर एक मुस्लिम बेटी की शादी का प्रोग्राम चल रहा था. निकाह के इस प्रोग्राम में सिर्फ मुस्लिम ही नहीं, बल्कि एक हिंदू परिवार ने भी पूरा योगदान दिया. दुल्हन के मुंहबोले हिंदू मामा ने न सिर्फ भात की रस्म निभाई. बल्कि, दुल्हन की शादी को यादगार बनाने के लिए उसकी शाही विदाई भी करवाई. जिस किसी ने भी यह विदाई देखी वो बस देखता ही रह गया.
दरअसल, हिंदू मामा राहुल ने मुंहबोली भांजी डॉ. आसमा की विदाई हेलीकॉप्टर से करवाई, जिसका खर्च 8 से 9 लाख रुपये के करीब आया. निकाह की रस्मों के बाद शाम को बाबुल की दुआएं लेकर आसमा ने शौहर शादाब त्यागी के साथ ससुराल के लिए उड़ान भरी. इन भावुक और खुशी से भरे पलों को सभी ने अपने कैमरों में भी कैद किया.
मुजफ्फरनगर शहर के पास ही गांव गुनियांजुडडी के राहुल ठाकुर का परवीन के परिवार से तीन पीढ़ियों से गहरा नाता रहा है. अब्दुल खालिक की पत्नी परवीन और राहुल का परिवार बरसों से परिवार की तरह जुड़ा हुआ है. दोनों बहन-भाई से भी बढ़कर हैं. परवीन की बेटी आसमा की शादी सरधना नानू गांव के शादाब त्यागी से तय हुई और 10 अप्रैल को निकाह की तारीख रखी गई. मामा के तौर पर राहुल ठाकुर उनके परिवार में निकाह की सारी रस्मों में साथ रहे. भात की रस्म में नकदी के साथ उपहारों की सौगात दी.
बड़ी भांजी के समय भी निभाई थी रस्म
मामा राहुल ने बताया- आसमा की बड़ी बहन की शादी में भी उन्होंने सारी रस्में निभाई थीं, जो एक मामा की होती हैं. लेकिन इस बार कुछ खास करने का मन था. विदाई के लिए हेलीकाप्टर का इंतजाम भात की रस्म के तौर पर किया. इसके लिए वह कई दिन से जुटे हुए थे. हेलीकाप्टर की लैंडिंग और उड़ान को लेकर प्रशासन, विद्यालय, लोकनिर्माण विभाग, फायर ब्रिगेट से जरूरी प्रक्रिया समय से पूरी की, जिससे कोई व्यवधान न आए.
फूलों की बारिश करने की भी थी ख्वाहिश
राहुल ठाकुर ने बताया कि विदाई पर फूलों की बारिश की भी ख्वाहिश थी, वह पूरी नहीं हो पाई. इस प्रक्रिया के लिए अनुमति लेनी होती है. इसका पता नहीं था. फार्म भरते समय इसके लिए कॉलम भरना था, उस पर ध्यान नहीं गया. जब मीडियो कर्मियों ने पूछा तो राहुल ठाकुर ने बताया कि उनका करीब आठ-नौ लाख रुपये का खर्चा आया है.