हाल ही में अमेरिका यात्रा पर गए नेतन्याहू ने मध्य पूर्व में अपनी बढ़त बनाने के लिए व्हाइट हाउस में ईरान को पीटने का प्लान बना रहे थे. लेकिन उन्हें क्या पता था अली खामनेई तेहरान में बैठकर ही अपनी ताकत पूरी दुनिया में बढ़ाने में लगे है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बार-बार ईरान को धमकी दे रहे हैं कि वह प्राक्सी गुटों को समर्थन देना बंद करे नहीं तो उसके इसके बुरे परिणाम भुगतने होंगे.

अमेरिका की इन धमकियों से ईरान डरने वाला कहा है, उसने अपने एक्सिस ऑफ रेसिस्टेंस में एक और मिलिशिया ग्रुप जोड़ लिया है.  सीरिया में एक नया ईरान समर्थित आतंकवादी समूह ‘उली अल-बास’ उभरा है, जो अमेरिका और उसके क्षेत्रीय सहयोगियों के खिलाफ खड़ा किया गया है. इसका आधिकारिक नाम ‘सीरिया में इस्लामिक प्रतिरोध मोर्चा – उली अल-बास’ है और यह खुद को ईरान की व्यापक प्रतिरोध धुरी के साथ जुड़ा हुआ बताता है.

सीरिया में फिर बढ़ेगी ईरान की ताकत
ये समूह भी ईरान समर्थित राजनीतिक और सैन्य अभिनेताओं का गठबंधन है, जैसे गाजा में हमास, यमन में हूती और लेबनान में हिजबुल्लाह है. सीरिया में असद के तख्तापलट के बाद सीरिया में ईरान की पकड़ कमजोर हो गई थी. ऐसे समय में नए संगठन का उभरना इस बात का संकेत है कि ईरान मुश्किल समय में भी अपने एक्सिस को बढ़ाने में लगा है. खबरों के मुताबिक ये संगठन सीरिया की मौजूदा सुन्नी सरकार का समर्थन नहीं करता है.

इजराइल की बढ़ गई चिंता
सीरिया में एक और ईरान समर्थित गुट की स्थापना ने इजराइल की चिंता बढ़ा दी है. इजराइल को डर है कि ये समूह हिजबुल्लाह और हूती की तरह उसके ऊपर हमले कर सकता है. पहले ही इजराइल हूती, हमास और हिजबुल्लाह से लोहा ले रहा है, ऐसे में एक संगठन के साथ मोर्चा खोलना उसके लिए नुकसानदायक हो सकता है.