केवल कृष्ण त्रिपाठी, भोपाल। मध्य प्रदेश जहा 500 मेगावाट ऊर्जा उत्पन्न करता था वहीं आज वर्तमान में 7000 मेगावाट ऊर्जा उत्पन्न कर रहा है। यह 14 गुना ज्यादा है। 20 हजार मेगावाट ऊर्जा उत्पन्न करने का लक्ष्य 2028 तक हैं। यह जानकारी मध्य प्रदेश सरकार में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने पत्रकारवार्ता में दी। 
मंत्री राकेश शुक्ला ने कहा कि प्रदेश नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निरन्तर नई उचाईयों को छू रहा है। जिससे निकट भविध्य में प्रदेश अग्रणी राज्यों में शामिल होगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश वर्ष 2012 में स्थापित सयत्रों से 500 मेगावाट से भी कम ऊर्जा का उत्पन्न कर रहा था। वहीं पिछले 12 वर्षों में राज्य की कुल नवकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों से स्थापित क्षमता बढ़कर लगभग 7000 मेगावाट हो गई है। 
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने कहा कि मध्य प्रदेश 2028 तक 20,000 मेगावाट की पूर्ति का लक्ष्य लेकर चल रहा है।  के लिये राज्य शासन द्वारा 21 अक्टूबर 2024 को 300-300 मेगावाट क्षमता की सोलर पार्क परियोजना की सैद्धांतिक स्वीकृति जिला धार एवं सागर हेतु प्रदान की गई है। इन परियोजनाओं से उत्पादित विद्युत का क्रय एम.पी.पी.एम.सी.एल द्वारा निविदा के माध्यम से न्यूनतम दर निर्धारित कर किया जायेगा जिससे प्रदेश को सस्ती विजली प्राप्त हो सकेगी। 
प्रदेश सौर ऊर्जा से ओंकारेश्वर एवं नीमच परियोजनायें उत्तर में मुरैना की प्रस्तावित परियोजना, मध्य एवं दक्षिण में सागर की प्रस्तावित परियोजना शामिल है। जिसके पूर्व क्षेत्र में रीवा जिले में 750 मेगावाट क्षमता का तत्समय एशिया का सबसे बड़ा सोलर प्लाट स्थापित होने का गौरय प्राप्त है जिसका उद्घाटन देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने जानकारी के साथ  प्रदेशवासियों को दीपावली की शुभकामनाए दी।