केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लिया शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (SKUAST-K) के छठे दीक्षांत समारोह में भाग

दीक्षांत का मतलब दीक्षा का अंत नहीं, बल्कि नई दीक्षा की शुरुआत है- शिवराज सिंह चौहान
प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए कटिबद्ध है- श्री चौहान
‘युद्ध नहीं शांति, घृणा नहीं प्रेम’ इसी मूलमंत्र के साथ आगे बढ़ना होगा- श्री चौहान
केंद्रीय कृषि मंत्री ने विद्यार्थियों से कृषि क्षेत्र में नए स्टार्टअप शुरू करने, विभिन्न आधुनिकतम प्रौद्योगिकियों के निर्माण सहित, अभिनव प्रयास की ओर आगे बढ़ने का आह्वान किया
by PIB Delhi
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज जम्मू-कश्मीर यात्रा के दूसरे दिन शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (SKUAST-K), श्रीनगर के छठे दीक्षांत समारोह में भाग लिया और विद्यार्थियों को उपाधियों से अंलकृत किया। इस समारोह में जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री एवं SKUAST-K के प्रो चांसलर उमर अब्दुल्ला, जम्मू-कश्मीर के कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री जावेद अहमद डार, उप मुख्यमंत्री राजेंद्र चौधरी, शिक्षा मंत्री सकीना मसूद, अन्य विभिन्न विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर, प्रोफेसर, वरिष्ठ अधिकारी व अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
इस समारोह को संबोधित करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कल से मैं श्रीनगर में हूं। यहां की हवा की शीतलता, माटी की सुगंध, यहां का प्राकृतिक सौंदर्य और यहां के लोगों के प्यार ने मेरा मन मोह लिया है। जम्मू-कश्मीर भारत का मुकुटमणि है। कल हमने मुख्यमंत्री जी के साथ कृषि और ग्रामीण विकास को लेकर व्यापक समीक्षा की। जम्मू-कश्मीर को तीव्र विकास की गति देने पर बृहद चर्चा हुई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का संकल्प ‘विकसित भारत का निर्माण’ है। विकसित भारत के लिए विकसित जम्मू-कश्मीर और समृद्ध किसान जरूरी है, इस लक्ष्य को हम पूरा करके रहेंगे।
शिवराज सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री उमर , आपको याद होगा जब आप नीति आयोग की बैठक में आए थे तब वहां आपने भावुक होकर कहा था कि मैं विभिन्न मंत्रियों से कहना चाहता हूं कि वह जम्मू-कश्मीर आएं और परामर्शदात्री समिति की बैठक करें। जम्मू-कश्मीर में अंदरुनी रूप से बेहतर हालात हैं, बाहरी तत्वों द्वारा गड़बड़ी की जाती है। हमने इस आमंत्रण को स्वीकार किया और कल परामर्शदात्री समिति की बैठक भी की है।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि मैंने कल से श्रीनगर में कई जगहों पर जाकर लोगों से मुलाकात की है। लोगों ने जो प्यार जताया वो अद्भुत है। डल झील के शिकारा चालक ने भी बड़ी विनम्रता से आगमन पर स्नेह व्यक्त किया, जिससे मैं अभिभूत हूं। इस अपार स्नेह और सम्मान के संदेश को मैं पूरे देश के साथ साझा करूंगा। विश्वविद्यालय में आकर तो मैं और अधिक प्रसन्न हूं। विश्वविद्यालय की उपलब्धियां अपार हैं, जिसके लिए मैं सभी को हृदय से बधाई देना चाहूंगा। (SKUAST-K) राज्य विश्वविद्यालयों की सूची में 5वें नंबर पर है, लेकिन मुझे विश्वास है जल्द ही यह नबंर वन के पायदान पर होगा। विश्वविद्यालय में केवल जम्मू-कश्मीर के ही विद्यार्थी नहीं हैं, बल्कि विभिन्न 30 राज्यों व केंद्र-शासित प्रदेशों के भी विद्यार्थी हैं, इसके अलावा विदेश से भी विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने यहां आए हैं। यह मात्र राज्य विश्वविद्यालय नहीं बल्कि राष्ट्रीय से अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय बनने की दिशा में अग्रसर है।
श्री शिवराज सिंह ने विद्यार्थियों से कहा कि दीक्षांत का मतलब दीक्षा का अंत नहीं, बल्कि नई दीक्षा की शुरुआत है। आपने अपनी कक्षा से लेकर लैब तक जो ज्ञान अर्जित किया, अब उसे बांटने का समय है। विनम्रता के साथ कहना चाहता हूं कि खेती के बिना ना जम्मू-कश्मीर का, ना देश का, ना दुनिया का काम चल सकता है। खेती से जो उपज हमें मिलती है, उनका निर्माण फैक्ट्रियों में नहीं किया जा सकता। आज भी कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और देश की आधी से ज्यादा आबादी को रोजगार कृषि क्षेत्र से ही प्राप्त होता है। मैं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को धन्यवाद देना चाहूंगा। प्रधानमंत्री के कुशल और प्रभावी नेतृत्व में हमारे देश में अन्न के भंडार भर गए हैं। पिछले 11 वर्षों में खाद्यान्न उत्पादन में 44 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। चावल हो, गेहूं हो, मक्का हो, सोयाबीन हो, मूंगफली हो रिकॉर्ड स्तर पर अब-तक की सबसे ज्यादा वृद्धि देखी गई है। खाद्यान्न उत्पादन बढ़ रहा है लेकिन आगे और निरंतर प्रयास की जरूरत है। जम्मू-कश्मीर के फल, फूलों के चटक रंग, सब्जियों का स्वाद अद्भुत है। केंद्रीय कृषि मंत्री के रूप में मेरा संकल्प है कि हम जम्मू-कश्मीर को पूरी दुनिया का बागवानी हब बनाकर रहेंगे।श्री शिवराज सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में ‘समग्र कृषि विकास कार्यक्रम’ बड़ी सफलता से कार्यान्वित हो रहा है। एकीकृत बागवानी विकास मिशन (एमआईडीएच) योजना के तहत ‘क्लीन प्लांट’ उपलब्ध कराने को लेकर भी कल की बैठक में चर्चा हुई है। जम्मू-कश्मीर के किसानों को जरूरत हैं ‘क्लीन प्लांट’ की। जम्मू-कश्मीर के सेब अद्भुत है। लेकिन विडंबना है कि पौधे बाहर से मंगवाने पड़ते हैं। अब यह नहीं होगा। कल की बैठक में तय हुआ है कि 150 करोड़ रुपये की लागत से ‘क्लीन प्लांट’ सेंटर की स्थापना की जाएगी। जम्मू-कश्मीर में 5 हजार हेक्टेयर जमीन पर सेब खेती में प्रति हेक्टेयर उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। प्रति हेक्टेयर उत्पादन 10 टन से बढ़कर 60 टन हो गया है, जो 6 गुना वृद्धि दर्शाता है। मैं चाहता हूं कि जम्मू-कश्मीर का सेब पूरी दुनिया में जाए। भारत को सेब आयात ना करना पड़े। हमारा सेब निर्यात किया जाए।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए कटिबद्ध है। खेती में नवाचार की जरूरत है। केंद्रीय कृषि मंत्री ने विद्यार्थियों से कृषि क्षेत्र में नए स्टार्टअप शुरू करने, विभिन्न आधुनिकतम प्रौद्योगिकियों के निर्माण सहित विभिन्न अभिनव प्रयास की ओर आगे बढ़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक सेवाओं में भी विश्वविद्यालय का शानदार प्रदर्शन रहा है। लेकिन मैं यही कहना चाहूंगा कि आपका जीवन केवल आपके लिए नहीं है, अपने लिए तो सब जीते हैं लेकिन औरों के लिए जीना ही असली जीवन है। समाज के लिए, देश के लिए, दुनिया के लिए जीते हुए जीवन में आगे बढ़ें। यही असली उपलब्धि है। सैद्धांतिक ज्ञान तक सीमित ना रहें व्यावहारिक ज्ञान भी अपनाएं। यहां बैठे हर एक विद्यार्थी में अनंत संभावनाएं व क्षमताएं हैं। आप जीवन में बेहतर करेंगे, मुझे यकीन है।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने स्वामी विवेकानंद का स्मरण करते हुए कहा कि स्वामी जी के कहे शब्द मेरे लिए भी प्रेरणा है उन्होंने कहा था कि मनुष्य अनंत शक्तियों का भंडार है, ऐसा कोई काम नहीं जो मनुष्य ना कर सके। उन्हीं के वाक्यों को आत्मसात करते हुए हमें जीवन में लक्ष्य तय करके प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ने की कोशिश करनी चाहिए। आप भी लक्ष्य तय करिए और लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए रोडमैप बनाइएं। इस क्रम में अगर आगे बढ़े तो मेरा विश्वास है कि आप दुनिया में बड़े से बड़ा लक्ष्य प्राप्त कर लेंगे। निरंतर प्रयासरत रहना और सबकी बेहतरी के लिए काम करना ही असली जीवन का सार है। पिछले दिनों हम वैज्ञानिकों और जम्मू-कश्मीर के कृषि मंत्री के साथ बॉर्डर एरिया के गावों में गए थे। जो अब तक नजरअंदाज थे। इसका उद्देश्य ही यही था कि हमें सबके लिए अच्छे से अच्छा कार्य करना है। मेरा आह्वान है कि आप भी अपने जीवन का सही और सार्थक उपयोग करते हुए आगे बढ़ें।
शिवराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कृषि के लिए छह सूत्रीय रणनीति बनाई है जिसमें उत्पादन बढ़ाना, उत्पादन की लागत कम करना, उत्पादन के ठीक दाम सुनिश्चित करना, नुकसान की स्थिति में सही मुआवजे की व्यवस्था, कृषि का विविधिकरण, भावी पीढ़ियों के लिए धरती को सुरक्षित रखते हुए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना शामिल हैं। इस दिशा में सभी राज्य सरकारों और केंद्र-शासित प्रदेशों से साथ मिलकर हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैँ। भारत सिर्फ भारत के लिए नहीं है, यह वह धरती है जिसने पूरी दुनिया को परिवार माना है। ‘युद्ध नहीं शांति, घृणा नहीं प्रेम’ इसी मूलमंत्र के साथ जम्मू-कश्मीर और देश को आगे बढ़ाने के लिए हम सबको मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि भारत की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर और अधिक मजबूत पहचान बनेगी। भारत दुनिया का फूड बास्केट जरूर बनेगा।
इस दीक्षांत समारोह में 5,250 विद्यार्थियों को स्नातक, परास्नातक एवं पीएचडी की उपाधियां प्रदान की गईं। साथ ही मेधावी छात्रों को उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए 150 स्वर्ण पदक एवं 445 मेरिट प्रमाण पत्र दिए गए।