GST पहल आर्थिक संतुलन के लिए
( लेखक- निर्मल साहू(अधिवक्ता)LL.M.Criminal Law ) भारत में विकास के लिए अपार प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध है जिसके माध्यम से आर्थिक प्रगति निरन्तर तौर से हो रही है इसी विकासक्रम में पूंजीवाद,आर्थिक एकत्रीकरण एवं कर चोरी जोर-सोर से तूल पकड़ लिया है इससे निजाद पाने के लिए वर्षो से एक कर लगाने की कवायद चल रही थी परन्तु आजादी के ६० वर्ष बीत जाने के बाद भी इस प्रकार की नियम नहीं लाया गया लेकिन अंततः दिनांक ३०/०६/२०१७ की मध्य रात्री संसद भवन में GST नियम लागू कर एक नया आर्थिक क्रांति की सुरूवात की गयी है जिसमें अब मात्र तीन कर ही लगेंगे और १७ प्रकार के प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष से छुटकारा मिलेगा। जीएसटी(वस्तु एवं सेवा कर) में एक राष्ट्र एक कर की धारणा सर्वप्रथम फ्रांस से शुरू हुई है। इसके बाद करीब १६५ देशों ने *एक राष्ट्र एक कर* नियम को अपनाया, इसी क्रम में एशिया के १९ देशों, यूरोप के ५३ देशों, अमेरिका के ११ देशों ने स्वतंत्र रूप से अपनाया । (१) *जीएसटी का उदभव*:- १९९१ में उदारीकरण अर्थात् एलपीजी के आगमन पर जीएसटी की बात कही गई थी लेकिन इस विषय पर ठोस कदम नहीं उठाया गया। (२) *क्या है जीएसटी*:- जीएसटी(वस्तु एवं सेवा कर) यह कर निर्धारण करने की नीति है जिसमें वस्तु एवं सेवा को पॉच समूह में बॉटकर उन पर कर लगाने का प्रावधान किया गया है जिससे मात्र तीन प्रकार के कर लगेगा। (३) *जीएसटी के बाद पॉच चरणों में लगेगा कर* 0% ,5% ,12% ,18% ,28% इस प्रकार विभिन्न वस्तुओं एवं सेवाओं पर कर लगेगा (क) *वस्तु एवं सेवा पर 0% कर* :-रोजमर्रा के समान जैसे दूध, आटा, बेसन, ब्रेड, प्रसाद, नमक, बिंदी, सिंदूर, बटर मिल्क, दही, शहद, फल एवं सब्जियाँ, फ्रेश मीट, फिश चिकन, अंडा, स्टांप, न्यायिक दस्तावेज़, प्रिंटेड बुक्स, अखबार, चूड़िया, हेंडलूम के समान तथा १०००₹ से कम बाले भोजनालय एवं लागेज पर । (ख) *5% कर लगने वाले वस्तु एवं सेवा*:- ब्रांडेड फूड जैसे पनीर, फ्रोजन सब्जियां, कॉफ़ी, चाय, फिश, फिलेट, क्रीम, स्किम्ड मिल्क पाउडर, मसाले, पिज्जा, ब्रेड, रस, साबूदाना, केरोसिन, कोयला, दवाएं, स्टेंट और लाईफबोटस, यातायात सेवाएं, छोटी रेस्तरां। (ग) *12% कर लगने वाले वस्तु एवं सेवा*:- सॉस, फ्रूट जूस, भुजिया, नमकीन, आयुर्वेद दवाएं, फ्रोजन मीट प्रोडक्ट, बटर, पैक्ड ड्राई फूट्ड, एनिमल फैट, टूथ पाउडर, अगरबत्ती, कलर बुक्स, सिलाई मशीन, और सेल फोन जैसे जारूरी समान तथा सेवा कर नोन ए.सी. भोजनालय,हवाई यात्रा टिकट । (घ) *18% टैक्स लगेगा* :- जैम, सॉस, सूप, आइसक्रीम, इंस्टीड फूड मिक्सेस, मिनरल वॉटर, फ्लेवर्ड रिफांइडर शुगर, पास्ता, कार्नफ्लेक्स, पेस्ट्रीज, और केक, टिशू लिफाफे, नोट बुक्स, स्टील प्रोडक्ट्स, प्रिंटेड सर्किटस, कैमरा, मानीटर एवं सेवा कर वातानुकूलित भोजनालय, टेलीकोम,ब्रांडेड गारमेंट्स पर १८% लगेगा। (च) *28% टैक्स लगेगा वस्तु एवं सेवा पर*:- पेंट, डीओड्रेंट, शेविंग क्रीम, हेयर शेम्पू, डाई, सनस्क्रीन, वालपेपर, च्युइंगम, गुड, चाकलेट, पान मसाला, वातित जल,वाटर हीटर, डिश वॉशर, सिलाई मशीन, वॉशिंग मशीन, बेंल्डिग मशीन, वैक्यूम क्लीनर, आटोमोबाइल, मोटरसाइकिल, निजी इस्तेमाल के लिए सेवा कर नौकाविहार, सिनेमा में २८% लगेगा। *आम लोगों पर क्या प्रभाव पड़ेगा जीएसटी का*:- इसके अनेक प्रभाव १:-अप्रत्यक्ष कर का भार अंतिम उपभोक्ता को ही वहन करना पड़ता है वर्तमान में एक ही वस्तुओं पर विभिन्न प्रकार के अलग-अलग टैक्स लगते है लेकिन GST आने से सभी वस्तुओं एवं सेवाओं पर एक ही टैक्स लगेगा जिससे वस्तुओं की लागत में कमी आयेगी । २:-हालांकि जिससे सेवाओं की लागत बढ़ जाएगी। ३:- महत्वपूर्ण लाभ यह होगा की पूरे भारत में एक ही टैक्स लगेगा जिससे सभी राज्यों में वस्तुओं और सेवाओं की कीमत एक जैसे हो जाएगी। ४:-केन्द्रीय सेल्स टेस्ट(CST) ,जोकि जीएसटी में समाहित हो जायेगी जिससे वस्तुओं की कीमतों में कमी आयेगी। *जीएसटी को लेकर राजनीतिक हल-चल*:-आज जो कांग्रेस पार्टी एवं अन्य वामपंथी पार्टीयाँ जीएसटी नियम के विरोध में पुरज़ोर कोशिश कर रही है जोकि मात्र राजनीति ही है । ध्यातव्य हो की वर्ष २००६-२००७ में पहली बार यूपीए सरकार के कार्यकाल में जीएसटी बजट को प्रस्तावित किया गया था जिससे स्पष्ट होता है की पूर्व में कांग्रेस पार्टी एव उसके सहयोगी पार्टी जीएसटी के समर्थन में थे। ( यह लेखक की नीजि राय है किसी व्यक्ति या समाज को ठेस पहुचान हमारा उददृश्य नहीं है। )
/ Madhya_Pradesh
Jul 02 ,2017 14:09